संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने अपने प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक के ज़रिए गुरूवार को जारी एक वक्तव्य में, बुधवार को नुसीरात में एक स्कूल पर इसराइल के हमले की निन्दा की है.
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA द्वारा विस्थापित लोगों के लिए आश्रय स्थल में तब्दील किए गए इस स्कूल पर इसराइली हमले में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 12 लोग मारे गए हैं, जिनमें संयुक्त राष्ट्र के भी छह कर्मचारी भी हैं.
प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने, न्यूयॉर्क मुख्यालय में नियमित प्रैस वार्ता में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा, “इस घटना के साथ ही, ग़ाज़ा युद्ध में मारे गए UNRWA के कर्मचारियों की कुल संख्या 220 हो गई है.”
प्रवक्ता ने कहा कि इसराइली बलों और सेना ने कहा है कि उन्होंने परिसर में एक कमांड स्थल को निशाना बनाया था. “इस घटना की स्वतंत्र और सम्पूर्ण जाँच होनी चाहिए ताकि जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके.”
भयावह हिंसा बन्द हो
यूएन प्रमुख ने मांग की है कि ग़ाज़ा पट्टी में युद्ध में शामिल सभी पक्षों को आम लोगों की ज़िन्दगियों और अनिवार्य ज़रूरतों की हर हालत में रक्षा करनी है.
उन्होंने स्कूलों और आश्रय स्थलों या उनके आसपास के इलाक़ों को सैन्य उद्देश्यों के लिए प्रयोग करने से बचने का भी आग्रह किया.
प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने ज़ोर देकर कहा कि सभी पक्षों पर अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का पालन करने की ज़िम्मेदारी है.
“महासचिव तत्काल युद्धविराम लागू किए जने और तमाम बन्धकों की बिना शर्त रिहाई की अपनी मांग फिर दोहराते हैं. भयावह हिंसा को रोका जाना होगा.”
पोलियो वैक्सीन अभियान जारी
प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने बताया कि ग़ाज़ा में संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई में 10 वर्ष से कम आयु के लगभग 6 लाख 40 हज़ार बच्चों को पोलियो से बचाने वाली वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाने के अभियान, अनगिनत चुनौतियों के बावजूद जारी है.
“UNRWA ने बताया है कि पूरे ग़ाज़ा पट्टी में बुधवार 11 सितम्बर तक 5 लाख 30 हज़ार बच्चों को वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाई जा चुकी थीं.”
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और उसके साझीदार संगठनों अक्टूबर (2023) से, संयुक्त अरब अमीरात के साथ मिलकर, ग़ाज़ा से भारी संख्या में मरीज़ों को बेहतर इलाज के लिए अन्यत्र स्थानों के लिए निकाला है, जो इस तरह के बड़े अभियानों में से एक है.
गत बुधवार को भी ग़ाज़ा पट्टी से 252 मरीज़ों को बाहर पहुँचाया गया है, जिनमें 97 गम्भीर रूप से घायल मरीज़ों के अलावा 155 सम्बन्धी भी शामिल थे.
प्रवक्ता ने ये भी बताया है कि इसराइल और लेबनान के बीच सीमा रेखा – ब्लू लाइन के दोनों तरफ़ स्थिति नाज़ुक बनी हुई है और वहाँ हताहत होने वाले आम लोगों की संख्या बढ़ रही है, जिनमें बच्चे अधिक प्रभावित हैं.