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ग़ाज़ा: पोलियो टीकाकरण अभियान में सफलता, मगर बच्चों पर युद्ध व बीमारियों की छाया

पिछले वर्ष 7 अक्टूबर को हमास के नेतृत्व में इसराइल में हुए आतंकी हमलों और उसके बाद शुरू हुई इसराइली सैन्य कार्रवाई को लगभग 11 महीने बीत चुके हैं.

ग़ाज़ा पट्टी में हर 10 में से 9 लोग जबरन विस्थापन का शिकार हैं, और वे भूख, कुपोषण और बीमारियों से पीड़ित हैं.

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) लुइस वॉटरिज ने पोलियो टीकाकरण अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अब तक एक लाख 87 हज़ार बच्चों को टीकों की ख़ुराक दी जा चुकी है.

“वास्तविकता यह है कि ये टीकाकरण, युद्धग्रस्त इलाक़े के बीचोंबीच हो रहा है, जबकि अन्य कई बीमारियाँ, जैसेकि हेपेटाइटिस ए फैल रही हैं.”

उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से बच्चे हैं, जोकि त्वचा रोक और खाज और चकत्तों से पीड़ित हैं. बच्चों को पोलियो से रक्षा कवच के दायरे में लाने की कोशिशें हो रही हैं, मगर मौजूदा अमानवीय परिस्थितियों में अन्य बीमारियों का प्रकोप जारी है.

स्वास्थ्य जोखिम

यूएन एजेंसी प्रवक्ता वॉटरिज ने एक स्वास्थ्य केन्द्र का उल्लेख किया, जहाँ सीवर से गंदगी फैलकर आसपास की सड़कों पर आ गई है. इन हालात में बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि लोगों को पोलियो की ख़ुराक के अलावा, मेडिकल आपूर्ति, स्वच्छता सामग्री और स्वच्छ जल की आवश्यकता है, ताकि बीमारियों के फैलाव को रोका जा सके.

“लोगों को जिस चीज़ की सबसे अधिक आवश्यकता है, वो है युद्धविराम, और यह उन्हें अभी चाहिए.”

ग़ाज़ा के केन्द्रीय इलाक़े में टीकाकरण अभियान के लिए बुधवार अन्तिम दिन है. यूएन मानवीय सहायताकर्मियों के अनुसार, इन प्रयासों में बड़ी सफलता मिली है.

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के साथ संयुक्त रूप से अन्य साझेदार संगठनों व स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ाया.

जिन परिवारों के लिए अपने बच्चों को मौजूदा हालात के कारण स्वास्थ्य केन्द्रों व स्कूलों तक लाना सम्भव नहीं था, उन्हें ख़ुराक देने के लिए राहत टीमें स्वयं पहुँची और पोलियो से बचाव की पहली ख़ुराक दी गई.

अभियान अगले चरण में

ग़ाज़ा के केन्द्रीय इलाक़े में लगातार चार दिनों तक टीकाकरण अभियान के बाद, अब 2,200 स्वास्थ्यकर्मी दक्षिणी ग़ाज़ा पहुँचेंगे और वहाँ गुरूवार सुबह से टीकाकरण के काम को शुरू किया जाएगा.

दक्षिणी ग़ाज़ा में ख़ुराक दिए जाने के बाद वे उत्तरी इलाक़े पर अपना ध्यान केन्द्रित करेंगे. इसके चार सप्ताह बाद, यह प्रक्रिया फिर से शुरू होगी, जब रक्षा कवच को मज़बूती देने के लिए टीकों की दूसरी ख़ुराक दी जाएगी.

वैक्सीन टीम अपेक्षाकृत सुरक्षा के माहौल में काम करने में समर्थ हैं, जिसकी एक वजह इसराइली सेना और हमास लड़ाकों के बीच स्थानीय समयानुसार सुबह 8 बजे से 2 बजे तक लड़ाई में मानवीय आधार पर ठहराव पर सहमति है.

इसके बावजूद, हिंसा, बमबारी और हमले जारी रहने की ख़बरें हैं और स्वास्थ्यकर्मियों की टीम इन धमाकों की आवाज़ में काम कर रही है.

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