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ग़ाज़ा को भेजी जा रही हैं दस लाख से अधिक पोलियो वैक्सीन ख़ुराकें, WHO

ग़ाज़ा को भेजी जा रही हैं दस लाख से अधिक पोलियो वैक्सीन ख़ुराकें, WHO

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी (WHO), ग़ाज़ा में हाल ही में गन्दगी निकासी के स्थानों पर पोलियो संक्रमण के कुछ नमूने सामने आने के बाद, वहाँ दस लाख से अधिक पोलियो निरोधक ख़ुराकें भेजी जा रही हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने शुक्रवार को बताया कि ये वैक्सीन ख़ुराकें, आने वाले कुछ सप्ताहों के दौरान बच्चों को पिलाई जाएंगी.

ग़ौरतलब है कि पोलियो वायरस को अत्यधिक संक्रामक माना जाता है और ये संक्रामक बीमारी बच्चों या व्यक्तियों को जीवन भर के लिए अपंग बना सकती है.

डॉक्टर टैड्रॉस ने ध्यान दिलाया कि ग़ाज़ा में पोलियो बीमारी का अभी कोई मामला सामने नहीं आया है मगर समय पर अगर कार्रवाई नहीं की गई तो, यो अत्यधिक संक्रामक बीमारी उन हज़ारों बच्चों तक आनन-फानन में पहुँच सकती है, जिन्होंने अभी तक पोलियो वैक्सीन की ख़ुराक नहीं पी है.

मानवीय सहायता कर्मियों ने ग़ाज़ा में किसी सम्भावित पोलियो आपदा के असर के बारे में गहरी चिन्ता व्यक्त की है क्योंकि वहाँ स्वच्छता और साफ़-सफ़ाई की परिस्थितियाँ बहुत जर्जर हैं और पहले ही हैपेटाइटिस-A के मामले सामने आ चुके हैं. युद्ध के कारण लोगों को पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध नहीं है.

मृत्यु संकट को रोका जा सकता है

इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र में WHO के स्वास्थ्य आपदाओं को टीम लीडर डॉक्टर अयादिल सपारबेकोव ने इस सप्ताह के आरम्भ में आगाह किया था कि पोलियो व अन्य संचारी बीमारियों के फैलाव से, इन रोकथाम योग्य बीमारियों से इतने लोगों की जान जा सकती है, जितनी कि युद्ध में घायल होने से भी मौतें नहीं होंगी.

ग़ाज़ा में स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इसराइली हमले में अभी तक 39 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

WHO ने 16 जुलाई को कहा था कि ख़ान यूनिस और दियर अल-बलाह शहरों में गन्दगी निकासी के छह स्थानों से, जुलाई में कुछ नमूने एकत्र किए गए थे जिनमें पोलियो-2 प्रकार की शिनाख़्त हुई थी. 

ये दो शहर, इसराइल की लगभग दस महीने की ताबड़तोड़ बमबारी में लगभग पूरी तरह तबाह होकर मलबे में तब्दील हो चुके हैं.

WHO का कहना है कि पोलियो वायरस ऐसे इलाक़ों में अपना सिर उठा सकता है जहाँ बच्चों या लोगों को पूरी तरह से इसकी वैक्सीन की ख़ुराकें नहीं पिलाई गई हों.

युद्ध से पहले की प्रगति का हुआ नुक़सान

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि अक्टूबर (2023) में मौजूदा युद्ध भड़के से पहले, बच्चों को, नियमित टीकाकरण सुविधाओं तक अच्छी पहुँच हासिल थी.

WHO और यूनीसेफ़ के आँकड़ों के अनुसार, इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र में, वर्ष 2022 में 99 प्रतिशत बच्चों को पोलियो से बचाने वाली वैक्सीन की तीसरी ख़ुराकें पिलाई जा चचुकी थीं, मगर वर्ष 2023 में ये संख्या 89 प्रतिशत रह गई थी.

ग़ाज़ा और उससे भी परे के क्षेत्रों में, पोलियो-2 फैलने से रोकने के प्रयासों के तहत, WHO ने गत गुरूवार को, पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र के देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की एक बैठक भी आयोजित की है.

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