यूएन मानवीय सहायताकर्मियों ने क्षोभ जताया कि केवल पिछले महीने ही हाइपोथर्मिया, शरीर के तापमान में अत्यधिक गिरावट आने की वजह से आठ नवजात शिशुओं की मौत हो गई.
2025 में कठोर सर्दी के मौसम के बीच, अब तक 74 बच्चों की मौत हो चुकी है. फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) में आपात मामलों के लिए वरिष्ठ अधिकारी लुईस वॉटरिज ने यूएन न्यूज़ को बताया, “हम इस नए साल में पिछले साल की तरह ही भयावहता के साथ प्रवेश कर रहे हैं.”
“न कोई प्रगति हुई है और न ही कोई सांत्वना मिली है. बच्चे अब ठंड से मर रहे हैं.”
इस बीच, इसराइली सैन्य बलों की कार्रवाई से बड़े पैमाने पर फ़लस्तीनी हताहत हुए हैं और ग़ाज़ा में व्यापक स्तर पर बर्बादी जारी है. फ़लस्तीनी हथियारबन्द गुटों द्वारा इसराइल पर रॉकेट हमले भी किए जा रहे हैं, जिससे वहाँ आम नागरिकों के लिए ख़तरा बरक़रार है.
यूएन महासचिव के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने गुरूवार को पत्रकारों को जानकारी देत हुए कहा, “महासचिव ने इस हिंसक टकराव में आम नागरिकों के व्यापक पैमाने पर हताहत होने की फिर से कड़ी निन्दा की है.”
भरपेट भोजन की क़िल्लत
संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायताकर्मियों के अनुसार, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति ना हो पाने, सहायता अभियान पर थोपी गई पाबन्दियों , और हथियारबन्द गुटों द्वारा की जा रही लूटपाट के बीच ग़ाज़ा पट्टी में भूख संकट लगातार बढ़ता जा रहा है.
मानवीय सहायता मामलों के लिए समन्वय कार्यालय (OCHA) ने बताया है कि मध्य और दक्षिणी ग़ाज़ा में पिछले रविवार तक, यूएन के साझेदार संगठनों के भंडारण केन्द्रों में सभी आपूर्ति ख़त्म हो चुकी थी.
यह ऐसे समय में हुआ है जब इसराइली प्रशासन ने ऐरेत्ज़ सीमा चौकी के ज़रिये वादी ग़ाज़ा के दक्षिण में स्थित इलाक़ों के लिए खाद्य सहायता पहुँचाने के अधिकांश अनुरोधों को अस्वीकार किया है.
यहाँ की पूरी आबादी को तीन महीने से अधिक समय तक राशन प्रदान करने के लिए, लगभग 1.20 लाख मीट्रिक टन खाद्य सहायता, ग़ाज़ा पट्टी के बाहर ही रुकी हुई है.
संयुक्त राष्ट्र के साझेदार संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि अतिरिक्त आपूर्ति प्राप्त नहीं हुई तो भूखे परिवारों तक खाद्य सामग्री पहुँचाना बेहद सीमित हो जाएगा.
सहायता प्रयास जारी
मानवीय सहायता संगठनों ने चेतावनी दी है कि बिजली जनरेटर के लिए ईंधन की कमी की वजह से ग़ाज़ा की स्वास्थ्य प्रणाली पर भीषण असर हुआ है और मरीज़ों व घायलों के जीवन पर जोखिम है.
इन तमाम कठिनाइयों के बावजूद, संयुक्त राष्ट्र और उसके साझेदार संगठन आम फ़लस्तीनी आबादी तक सहायता पहुँचाने के लिए निरन्तर प्रयारसत हैं.
22 दिसम्बर से 8 जनवरी के दौरान, ग़ाज़ा में, साढ़े पाँच लाख से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराई गईं. यूएन महासचिव ने सभी पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का सम्मान करने का आग्रह दोहराया है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा है कि आम नागरिकों की हर समय सुरक्षा सुनिश्चित की जानी होगी और उनकी आवश्यकताओं को तत्काल पूरा किया जाना होगा.
महासचिव गुटेरेश ने ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने और हमास द्वारा बन्धक बना कर रखे गए सभी लोगों की तत्काल, बिना शर्त रिहाई की अपील की है.