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ग़ाज़ा: आम फ़लस्तीनियों की पीड़ा, उनके दुस्वप्न को ख़त्म किए जाने का आग्रह

ग़ाज़ा: आम फ़लस्तीनियों की पीड़ा, उनके दुस्वप्न को ख़त्म किए जाने का आग्रह

उन्होंने मिस्र की राजधानी काहिरा में सोमवार को ग़ाज़ा में मानवतावादी सहायता के लिए आयोजित एक मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फ़ताह अल-सिसि ने यह सम्मेलन बुलाया है.

यूएन की वरिष्ठ अधिकारी ने ज़ोर देकर कहा कि ग़ाज़ा में जीवनरक्षक सहायता की तत्काल आवश्यकता है और साथ ही, मौजूदा हालात से उबारने के लिए एक दीर्घकालिक योजना की ज़रूरत होगी.

उन्होंने महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की ओर से प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे यहाँ फ़लस्तीनी लोगों के लिए जीवनरक्षक सहायता का स्तर बढ़ाने, सम्भावित युद्धविराम के लिए तैयारी सुनिश्चित करने और पुनर्बहाली व पुनर्निर्माण के लिए ज़मीन तैयार करने के इरादे से एकत्र हुए हैं.

मानवीय सहायता पर रोक

इस बीच, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) ने केरेम शलोम सीमा चौकी के ज़रिये ग़ाज़ा में भोजन व अन्य मानवीय सहायता की आपूर्ति फ़िलहाल रोक दी है. सहायता क़ाफ़िले के ग़ाज़ा की सीमा में प्रवेश करने के बाद, हथियारबन्द गुटों द्वारा लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिए जाने के बाद रविवार को यह निर्णय लिया गया.

यूएन एजेंसी के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने बताया कि यह सहायता मार्ग पिछले कई महीनों से असुरक्षित साबित हो रहा था. इससे पहले, 16 नवम्बर को सहायता ट्रकों के एक बड़े क़ाफ़िले द्वारा केरेम शलोम सीमा चौकी के ज़रिये ग़ाज़ा पहुँचने के बाद हथियारबन्द गुटों ने लूटपाट की थी.

वहीं, मानवीय सहायता एजेंसियों ने चिन्ता जताई है कि मौजूदा हालात में कुपोषण का स्तर गहराता जा रहा है. आपात मामलों के लिए UNRWA की वरिष्ठ अधिकारी लुइस वॉटरिज ने डेयर अल-बालाह में एक स्कूल से जानकारी देते हुए बताया कि वहाँ छह हज़ार लोगों ने शरण ली हुई है.

फ़लस्तीनी परिवारों को सर्दी के मौसम में ठिठुरना पड़ रहा है, फ़र्श गीले हैं और भूखे बच्चे ब्रैड के एक टुकड़े के लिए रो रहे हैं.

बच्चे, सर्वाधिक प्रभावित

यूएन उप महासचिव ने ध्यान दिलाया कि ग़ाज़ा प्रशासन के अनुसार, हिंसक टकराव में अब तक 44 हज़ार से अधिक लोगों की जान गई है, व्यापक पैमाने पर लोग विस्थापित होने के लिए मजबूर हैं और अति-आवश्यक सेवाएँ दरक चुकी हैं.

बच्चे, इन परिस्थितियों में सबसे अधिक प्रभावितों में हैं. कुपोषण की वजह से पिछले चार महीनों में 19 हज़ार बच्चे अस्पतालों में भर्ती किए गए हैं. ग़ाज़ा में प्रति व्यक्ति, बच्चों के अपंग होने के मामले विश्व में सबसे ऊँचे स्तर पर हैं और मरीज़ों को बेहोश किए बग़ैर ही उनकी सर्जरी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

“हम जो कुछ देख रहे हैं, उसे गम्भीरतम अन्तरराष्ट्रीय अपराधों की श्रेणी में रखा जा सकता है.”

आमिना मोहम्मद ने ग़ाज़ा में मानवीय सहायता पर थोपी गई सख़्त पाबन्दियों पर भी क्षोभ जताया और कहा कि सहायता का स्तर अपर्याप्त है, और इस अभियान में लूटपाट, बिना फटे विस्फोटकों और ध्वस्त सड़कों समेत अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

यूएन उप महासचिव आमिना मोहम्मद ने ग़ाज़ा में मानवतावादी अभियान पर काहिरा में आयोजित एक सम्मेलन को सम्बोधित किया.

यूएन उप महासचिव आमिना मोहम्मद ने ग़ाज़ा में मानवतावादी अभियान पर काहिरा में आयोजित एक सम्मेलन को सम्बोधित किया.

राजनैतिक समाधान ज़रूरी

यूएन उप महासचिव आमिना मोहम्मद ने ग़ाज़ा में राजनैतिक समाधान की आवश्यकता को रेखांकित किया और बन्धकों की बिना शर्त, तुरन्त रिहाई व तत्काल युद्धविराम लागू जाने की अपील दोहराई.

उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय क़ानून व प्रासंगिक यूएन प्रस्तावों के अनुरूप दो-राष्ट्र समाधान पर बल देते हुए कहा कि ग़ाज़ा में विनाश, हमारी साझा मानवता का पूर्ण रूप से दरकना है और इस दुस्वप्न को रोका जाना होगा.

ग़ाज़ा के लिए यूएन की मानवतावादी व पुनर्निर्माण समन्वयक सिगरिड काग ने हिंसा व मानवीय संकट से प्रभावित बच्चों के लिए मानसिक स्वास्थ्य समर्थन की व्यवस्था का अनुरोध किया.

उन्होंने काहिरा में जुटे प्रतिनिधियों से कहा कि ग़ाज़ा की पुनर्बहाली के लिए यह ज़रूरी है कि शुरुआती क़दमों को प्राथमिकता दी जाए, जैसेकि बुनियादी सेवाओं, आधारभूत ढाँचे को फिर से बहाल करना होगा और फ़लस्तीनी प्राधिकरण के साथ साझेदारी में आर्थिक स्थिरता को प्रोत्साहन दिया जाना होगा.  

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