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‘गरिमा किट’ से क्या तात्पर्य है? चन्द अहम तथ्य

गरिमा किट से क्या तात्पर्य है? हर वर्ष 28 मई को ‘माहवारी स्वच्छता दिवस‘ मनाया जाता है और इस अवसर पर हमने इस विषय में आपके लिए पाँच अहम तथ्य जुटाए हैं:

1. गरिमा किट का क्या अर्थ है?

विश्व भर में आपात परिस्थितियों के दौरान, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF), यौन एवं प्रजनन मामलों के लिए यूएन एजेंसी (UNFPA) समेत अन्य यूएन एजेंसियाँ ज़रूरतमन्दों तक पहुँचने के लिए त्वरित प्रयास करती हैं. 

ये संगठन अपने साझेदारों के साथ मिलकर ऐसे बुनियादी सामान की आपूर्ति करते हैं, जिससे महिलाओं व लड़कियों के लिए अपनी गरिमा व स्वास्थ्य का ध्यान रखने में मदद मिल सके. अक्सर यह सामग्री डिब्बों में मुहैया कराई जाती है, जिन्हें गरिमा किट (dignity kits) कहा जाता है. 

एक गरिमा किट में प्रदान की जाने वाले सामान से महिलाओं व लड़कियों के लिए अपनी माहवारी सम्बन्धी स्वच्छता का ख़याल रखना, स्वास्थ्य की सुरक्षा करना सम्भव हो पाता है.

आपदाओं, युद्ध और अन्य संकटों से जूझते हुए, उनके लिए सम्मान व गरिमा सुनिश्चित करने में यह बेहद सहायक है. 

ये वस्तुएं या तो पीठ पर डाले जाने वाले थैले या फिर आसानी से कहीं भी ले जा सकने वाली किसी बाल्टी में दिए जाते हैं.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष द्वारा ग़ाज़ा युद्ध से प्रभावित लड़कियों के लिए ज़रूरी सामान मुहैया कराया गया है.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष द्वारा ग़ाज़ा युद्ध से प्रभावित लड़कियों के लिए ज़रूरी सामान मुहैया कराया गया है.

2. इस किट के भीतर क्या सामान होते हैं?

यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य के लिए यूएन एजेंसी (UNFPA) द्वारा कई समुदायों में यह किट वितरित की जाती है. इसमें 10 अति-आवश्यक, बुनियादी वस्तुएँ होती हैं, मगर अक्सर ज़रूरत के अनुरूप इनमें बदलाव किए जा सकते हैं. 

जैसे कुछ इलाक़ों में इन किट में सिर पर पहनने के लिए स्कार्फ़ भी प्रदान किया जाता है. इसके अलावा, माहवारी स्वच्छता के लिए एक सैनिट्री पैड, स्नान करने के साबुन, कईं जोड़ी अधोवस्त्र, डिटर्जेंट पाउडर, सैनिट्री नैपकिन, फ्लैशलाइट, टूथपेस्ट, दाँत साफ़ करने के लिए ब्रश और एक कंघा होता है.

विश्व भर में, विभिन्न समुदायों में महिलाओं व लड़कियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर यह सामान तैयार किया जाता है.

यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य के लिए यूएन एजेंसी की किट में यह सामान दिया जाता है.

यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य के लिए यूएन एजेंसी की किट में यह सामान दिया जाता है.

3. संकट काल में माहवारी स्वच्छता सम्बन्धी समर्थन क्यों महत्वपूर्ण है? 

माहवारी से गुज़रने वाली सभी महिलाओं व लड़कियों को हर महीने बुनियादी आपूर्ति की आवश्यकता होती है. मगर संकट के दौर में, अक्सर ये ज़रूरतें गम्भीर हालात की पृष्ठभूमि में पीछे रह जाती हैं.

इसके मद्देनज़र, संयुक्त राष्ट्र आपात सहायता टीम इन अति-आवश्यक वस्तुओं को तत्काल प्रदान करने के लिए तत्परता से प्रयास करती हैं.

भले ही युद्ध क्षेत्र हो, आपदा-प्रभावित समुदाय हों या फिर शरणार्थी शिविर. चूँकि इन परिस्थितियों में बुनियादी सामान व सेवाओं की सुलभता बुरी तरह प्रभावित होती है, इसलिए इन्हें पूरा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रयास किए जाते हैं.

माहवारी स्वच्छता समर्थन मुहैया कराने से स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है, लिंग-आधारित हिंसा में कमी आती है और अन्य लाभ होते हैं. 

इस वीडियो में देखिए कि यूएन एजेंसी द्वारा युद्धग्रस्त ग़ाज़ा में किस तरह महिलाओं व लड़कियों तक मदद पहुँचाई जा रही है:

4. महिलाओं को गरिमा किट किस तरह से प्राप्त होती है?

UNFPA और UNICEF द्वारा, मानवतावादी भंडारण केन्द्रों में पहले से ही इन गरिमा किट के स्टॉक को तैयार करके रखा जाता है. उदाहरणस्वरूप, UNFPA द्वारा दुनिया में कहीं भी इस सामान की आपूर्ति 48 घंटों के भीतर की जा सकती है.

डेनमार्क में यूनीसेफ़ द्वारा संचालित विश्व का सबसे बड़ा मानवतावादी सामान भंडारण केन्द्र है. इनमें गरिमा किट भी हैं, जिन्हें संकट प्रभावित इलाक़ों के लिए जल्द रवाना किया जा सकता है.

इस मानवतावादी सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा कोई शुल्क नहीं लिया जाता है, और अन्य आपात सहायता की तरह ये गरिमा किट भी निशुल्क प्रदान की जाती हैं.

इस वीडियों में देखिए कि तुर्कीये और सीरिया में 2023 में आए भूकम्प से प्रभावित महिलाओं व लड़कियों को UNFPA द्वारा किस प्रकार से मानवीय सहायता पहुँचाई गई:

5. ‘माहवारी काल की निर्धनता’ का अन्त

माहवारी से गुज़र रही महिलाओं व लड़कियों की ज़रूरतों को पूरा करने पर लक्षित यूएन प्रयासों में एक अहम कड़ी जागरूकता का प्रसार भी है. माहवारी काल की निर्धनता को दूर करने के लिए इसे महत्वपूर्ण माना गया है.

महिला सशक्तिकरण के लिए यूएन संस्था (UN Women) के अनुसार, माहवारी काल की निर्धनता से तात्पर्य, ज़रूरी स्वच्छता उत्पादों को ख़रीदने में महिलाओं व लड़कियों की असमर्थता, और माहवारी स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक जानकारी का अभाव है.

अक्सर इसकी वजह कथित कलंक की धारणा, माहवारी उत्पादों की ऊँची क़ीमत और जल व साफ़-सफ़ाई सुविधा केन्द्रों की क़िल्लत है.

संयुक्त राष्ट्र, गाम्बिया से लेकर नेपाल तक, विश्व भर में समुदायों में जागरूकता का प्रसार करने और माहवारी को तथाकथित कलंक से जोड़ने वाली धारणाओं का अन्त करने में जुटा है.

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