इस आग में अब तक हज़ारों एकड़ भूमि जल चुकी है, बड़ी संख्या में घर ध्वस्त हुए हैं और अग्निशमनकर्मी इन लपटों पर क़ाबू पाने और फिर से आग लगने की घटनाओं को रोकने में जुटे हुए हैं.
यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने गुरूवार को एक वक्तव्य जारी करते हुए बताया कि यूएन प्रमुख, जंगलों में लगी आग के तेज़ी से फैलने, उससे हुई व्यापक पैमाने पर हुई बर्बादी से स्तब्ध और दुखी हैं.
उन्होंने पीड़ितों के परिजन के प्रति अपनी शोक सम्वेदना व्यक्त की है और विस्थापित हुए लोगों के साथ एकजुटता जताई है. इनमें से अनेक लोग अपने घर खो चुके हैं.
इस दावानल में अब तक पाँच लोगों के मारे जाने की ख़बर है. एक हज़ार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और सैकड़ों इमारतें बर्बाद हो गई हैं.
अमेरिका में मौसमी पूर्वानुमान लगाने वाली कम्पनी ‘एक्यूवैदर’ के अनुसार, इस आपदा में 50 अरब डॉलर से अधिक का नुक़सान होने की आशंका है.
अग्निशमन कर्मचारियों की सराहना
यूएन प्रमुख ने आग की लपटों पर क़ाबू पाने में जुटे कर्मचारियों के साहस व समर्पण की सराहना की है, जो बेहद ‘कठिन परिस्थितियों’ में आम लोगों की ज़िन्दगियों की रक्षा करने और आग को बुझाने में जुटे हैं.
स्थानीय अधिकारियों ने इसे अभूतपूर्व, ख़तरनाक पैमाने पर फैली आग बताया है, जिसे नियंत्रण में लाने के लिए साढ़े सात हज़ार से अधिक अग्निशमन कर्मचारी प्रयासरत हैं.
शुष्क पौधे, वनस्पति, लकड़ी और तूफ़ान की रफ़्तार से चलने वाली हवाओं से इन आग की लपटों ने गहन रूप धारण कर लिया गया. आग लगने की छह अलग-अलग घटनाओं में क़रीब चार पर क़ाबू पाना सम्भव नहीं हो सका.
ज़रूरी संसाधनों की क़िल्लत और प्रभावित इलाक़ों तक पहुँचने के रास्ते में कठिनाई की वजह से इन लपटों को बुझाने में देरी हुई है.
तैयारी व रोकथाम
वर्ष 2024 के अन्तिम महीनों में वर्षा का स्तर औसत से कम आंका गया है. इससे शुष्क परिस्थितियाँ उपजी और सन्ताना हवाओं नामक मौसमी पैटर्न के साथ मिलकर आग लगने का जोखिम बढ़ गया.
सन्ताना हवाएं, पर्वतों से होकर बहती हैं, जिनसे तापमान बढ़ता है और नमी बहुत कम हो जाती है, जिससे पौधे, पत्ते, वनस्पति सूख जाते हैं और आग के फैलने के लिए आदर्श स्थिति बनती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वनों में आग लगने की घटनाओं और उनसे होने वाले असर में कमी लाने के लिए रोकथाम रणनीति अपनाए जाने पर बल दिया. इनमें जंगलों में झाड़ियों की नियमित रूप से सफ़ाई करने, अग्निशमन टीम के लिए जल आपूर्ति मुहैया कराने और आग की लपटों पर क़ाबू पाने की क्षमता का परीक्षण करने समेत अन्य उपाय हैं.
इसके साथ-साथ, आग फैलने की स्थिति में लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की योजना भी अहम है, और ऐसे मार्गों के अवरुद्ध हो जाने की स्थिति का भी ध्यान रखा जाना होगा.
