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एवियन फ़्लू के कारण, करोड़ों लोगों की आजीविकाएँ प्रभावित, मज़बूत निगरानी पर बल

एवियन फ़्लू के कारण, करोड़ों लोगों की आजीविकाएँ प्रभावित, मज़बूत निगरानी पर बल

यूएन खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के डॉक्टर मधुर धींगड़ा ने मंगलवार को बताया कि एच5एन1 वायरस में बदलाव आ रहे हैं और यह अब वन्यजीवों में फैल रहा है. पिछले तीन वर्षों में, पाँच महाद्वीपों में स्थित 108 देशों में इसके संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं.

अब तक, पक्षियों की 500 से अधिक प्रजातियों और कम से कम 70 स्तनधारी प्रजातियों में इसके संक्रमण की जानकारी मिली है, जिनमें ध्रुवीय भालू और कैलिफ़ोर्निया कोन्डोर भी हैं.

यूएन एजेंसी के अनुसार, जो क्षेत्र प्रोटीन के लिए मुर्ग़ीपालन स्रोत पर बहुत हद तक निर्भर है, वहाँ एवियन इन्फ़्लूएंज़ा के कारण खाद्य व पोषण सुरक्षा के लिए गम्भीर ख़तरा होने की आशंका है.

डॉक्टर धींगड़ा ने चेतावनी दी है कि इस वायरस के कारण करोड़ों लोगों की आजीविकाएँ प्रभावित हुई हैं. इससे किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ा है, और जैविक सुरक्षा उपायों में पर्याप्त निवेश करने की उनकी क्षमता प्रभावित हो सकती है.

दुग्धपालन के लिए मवेशियों में एच5एन1 के संक्रमण मामले उभरने के बाद, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने फ़ॉर्म केन्द्रों में निगरानी व्यवस्था व जैविक सुरक्षा को मज़बूत बनाने का आग्रह किया है, ताकि पशुओं व लोगों की सुरक्षा सम्भव हो.

WHO का मानना है कि इस वर्ष एच5एन1 के कारण 76 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से अधिकाँश खेतों या फ़ॉर्म में काम करने वाले कर्मचारी हैं. इनमें 60 से अधिक मामले अमेरिका में सामने आए हैं, जहाँ वन्यजीवन और मुर्ग़ीपालन में भी एच5एन1 का प्रकोप है.

इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया, कैनेडा, चीन, कम्बोडिया और वियतनाम में भी संक्रमण मामलों की पुष्टि हुई है.

मनुष्यों के लिए जोखिम कम

WHO में महामारी प्रबन्धन के लिए डॉक्टर मारिया वान कर्कहोव ने बताया कि नवीनतम वैज्ञानिक विश्लेषण के ज़रिये, आम लोगों के लिए मौजूदा जोखिम का आकलन किया गया है, और यह जोखिम फ़िलहाल कम है.

मगर, फ़ॉर्म पर काम कर रहे और संक्रमित पशुओं के सम्पर्क में आने वाले लोगों के लिए यह जोखिम निम्न- से मध्यम-स्तर पर है. यह बचाव उपाय अपनाने पर भी निर्भर करता है.

फ़िलहाल, एच5एन1 वायरस में ऐसे बदलाव आने के साक्ष्य नहीं है, जिनसे इसके एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की सम्भावना हो, और ना ही ऐसा कोई मामला दर्ज किया गया है.

हालांकि, उन्होंने सचेत किया है कि इत्मीनान से बैठ जाने से बचा जाना होगा, चूँकि स्थिति में तेज़ बदलाव आ सकता है. वायरस तेज़ी से बदल रहा है और ऐसी किसी भी सम्भावना के लिए तैयार रहना होगा.

इसके मद्देनज़र, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलने के हर मामले की विस्तार से जाँच किए जाने का आग्रह किया गया है. साथ ही, पाश्चरीकृत दूध को पीना या फिर उसे गर्म करके इस्तेमाल में लाना अहम है. 

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