तीन सरकारी सूत्रों ने बुधवार को कहा कि भारत के ऊर्जा मंत्रालय ने कुछ बिजली वित्तपोषण कंपनियों को स्वच्छ परियोजनाओं को ऋण देने के लिए सस्ता वित्त जुटाने के लिए टैक्स-पेड ग्रीन बॉन्ड जारी करने की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया है।
निजी चर्चा के दौरान नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर तीन अधिकारियों ने कहा कि पावर फाइनैंस कॉर्प (पीएफसी), आरईसी लिमिटेड और भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (आईआरईडीए) टैक्स-पेड बॉन्ड के माध्यम से धन जुटा सकती है। इन बॉन्ड में निवेशक के बजाय जारीकर्ता इसके कर का भुगतान करता है। इसलिए निवेशक को ज्यादा रिटर्न मिलता है। भारत 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा का 500 गीगावाट हासिल करने और 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जक राष्ट्र बनने के लिए निवेशकों की संख्या को बढ़ाना चाहता है।
अधिकारी ने कहा कि बॉन्ड जहां निवेशकों के लिए आकर्षक हैं, वहीं इनसे फंड की लागत भी मामूली रूप से कम हो जाती है क्योंकि जारीकर्ता की कर दर और निवेशकों के कर वर्ग में अंतर होता है। एक अधिकारी ने कहा कि कंपनियों को निवेशकों से कम दर मिल सकती है। अधिकारियों ने कहा कि प्रस्ताव उन मांगों का हिस्सा हैं जिन्हें रऊर्जा मंत्रालय 1 फरवरी को होने वाले केंद्रीय बजट में शामिल करना चाहता है।
