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आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में, संयुक्त राष्ट्र ने अफ़्रीकी देशों के साथ जताई एकजुटता

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अफ़्रीकी महाद्वीप पर स्थित अनेक देशों के नेताओं ने इस बैठक में हिस्सा लिया और आतंकवाद के ख़तरे से निपटने और हिंसक चरमपंथ की बेहतर ढंग से रोकथाम के रास्तों की समीक्षा की.

इस विषय में संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय संगठनों के बीच सहयोग को मज़बूती प्रदान किए जाने पर बल दिया गया है. मोज़ाम्बीक़ के राष्ट्रपति फ़िलिपे न्युसी ने चर्चा की अध्यक्षता की, जोकि इस महीने सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष देश है.

मोज़ाम्बीक़ पिछले पाँच वर्षों से अधिक समय से देश के उत्तरी हिस्से में घातक विद्रोह से जूझ रहा है.

आतंकवाद के लिए उर्वर ज़मीन

यूएन महासचिव ने गहरी चिन्ता जताई कि सहेल क्षेत्र समेत अफ़्रीका के अन्य हिस्सों में आतंकवादी गुटों को सफलता मिल रही है.

“निराशा, निर्धनता, भूख, बुनियादी सेवाओं का अभाव, बेरोज़गारी, और सरकारों में असंवैधानिक बदलाव की वजह से आतंकी गुटों के विस्तार के लिए उर्वर ज़मीन का तैयार होना जारी है, जिससे महाद्वीप के नए हिस्से प्रभावित हो रहे हैं.”

इसके अलावा, अफ़्रीकी महाद्वीप पर विभिन्न क्षेत्रों में लड़ाकों, वित्त पोषण और हथियारों की आवाजाही में तेज़ी आ रही है, आतंकवादी गुट, संगठित अपराधी नैटवर्क व समुद्री दस्युओं के साथ हाथ मिला रहे हैं.

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि ये हिंसक विचारधाराएँ, अब ऑनलाइन माध्यमों पर भी फैलती जा रही हैं.

आतंकवाद के विरुद्ध एकजुटता

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि आतंकवाद, जिस तरह लोगों को दूर करता है, उससे निपटने के प्रयासों के ज़रिये देशों को एक साथ लाया जा सकता है.

इस क्रम में, उन्होंने अफ़्रीका के सहेल, लेक चाड बेसिन और मोज़ाम्बीक़ में अनेक पहलों का उल्लेख किया.

“इस विपत्ति का अन्त करने के प्रयासों में, संयुक्त राष्ट्र अफ़्रीका के साथ है. इनमें, अफ़्रीकी संघ और क्षेत्रीय व उपराष्ट्रीय अफ़्रीकी संगठनों के साथ नज़दीकी रचनात्मक सहयोग भी है, जो अभी भी जारी है.”

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा, अफ़्रीकी देशों को रोकथाम, क़ानूनी सहायता, जाँच, अभियोजन, पुनर्एकीकरण व पुनर्वास में आवश्यकता अनुरूप सहायता प्रदान की जा रही है.

निजेर के पश्चिमी इलाक़े में कुछ ग्रामीण. यह देश बोको हराम संगठन की आतंकवादी गतिविधियों के ख़िलाफ़ संघर्षरत है.

मानवाधिकार सर्वोपरि

नाइजीरिया के साथ मिलकर, संयुक्त राष्ट्र आगामी अफ़्रीकी आतंकवाद निरोधक शिखर बैठक की तैयारियों में जुटा है और अहम शान्ति पहलों को मज़बूती प्रदान की जा रही है.

संगठन ने अफ़्रीकी संघ के नेतृत्व में नए शान्ति-प्रवर्तन मिशन और आतंकवाद-विरोधी अभियानों की भी वकालत की है, जिसके लिए सुरक्षा परिषद के शासनादेश (mandate) की दरकार होगी.

महासचिव गुटेरेश ने बताया कि जून में वैश्विक आतंकवाद-निरोधक रणनीति की आठवीं बार समीक्षा की जाएगी, जिसे वर्ष 2006 में पारित किया गया था.

उनके अनुसार, यह देशों के लिए एक अहम अवसर है, जिसमें उन परिस्थितियों से कारगर ढंग से निपटने के नए रास्तों की तलाश की जाएगी, जिनसे आतंकवाद के लिए उर्वर भूमि तैयार होती है.

यूएन प्रमुख ने सचेत किया कि यह बैठक फिर से याद करने का अवसर है कि आतंकवाद-निरोधक प्रयासों के केन्द्र में मानवाधिकारों को रखा जाना होगा.

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