उद्योग/व्यापार

अलीगढ़, सहारनपुर और कानपुर में बनेंगे प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क

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उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, सहारनपुर और कानपुर देहात जिलों में निजी क्षेत्र की ओर से औद्योगिक पार्क स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने इन जिलों में निजी औद्योगिक पार्कों के विकास के लिए प्लेज (प्रमोटिंग लीडरशिप एण्ड इण्टरप्राइज फॉर डेवलपमेंट ऑफ ग्रोथ इंजन) पार्क योजना के तहत 16.89 करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निजी विकासकर्ताओं को इस धनराशि का चेक सौंपते हुए उम्मीद जतायी कि एमएसएमई सेक्टर में काम करने वाले उद्यमी अपने जिलों में समूह बनाकर निजी पार्कों को प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने कहा कि सहारनपुर वुड वर्क के लिए प्रसिद्ध है। यहां के वुड वर्क के लिए अच्छे डिजाइन देने की आवश्यकता है। इसके लिए दुनिया के अच्छे संस्थानों की मदद लेकर सहारनपुर या उसके आसपास डिजाइन इंस्टीट्यूट बनाए जाने की आवश्यकता है। सहारनपुर का फर्नीचर दुनिया के बाजार में जाएगा।

एमएसएमई विभाग को इस कार्य को आगे बढ़ाना चाहिए और प्रस्ताव तत्काल भेजना चाहिए। इसी तरह अलीगढ़ हार्डवेयर के लिए दुनिया में विख्यात है। डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण नोड अलीगढ़ में है। वहां भी अच्छा इंस्टीट्यूट स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। कानपुर में भी डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण नोड है। कानपुर देहात में निजी औद्योगिक पार्क की स्थापना अच्छी सम्भावनाओं को जन्म देती है। मुख्यमंत्री जी ने उद्यमियों से कहा कि राज्य सरकार जो प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करा रही है, इससे पार्कों का विकास किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों ने बहुत अच्छा कार्य किया था। उस समय लगभग 40 लाख प्रवासी कामगार एवं श्रमिक प्रदेश में आए थे। इन्हें राज्य की एमएसएमई इकाइयों में समायोजित किया गया था। आज उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट का हब बना है। उत्तर प्रदेश का निर्यात 86 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर आज लगभग पौने दो लाख करोड़ रुपये का हो चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य में 96 लाख एमएसएमई इकाइयां मौजूद हैं, लेकिन समय के अनुरूप उन्हें प्रोत्साहित नहीं किया गया, जिससे वे दम तोड़ रही थीं। उनसे जुड़े कारीगर व हस्तशिल्पी पलायन कर रहे थे। उत्तर प्रदेश में परम्परागत उद्यमियों के प्रोत्साहन के लिए ‘एक जनपद एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना प्रारम्भ की गयी। जो आज यह देश की अत्यन्त लोकप्रिय योजना है और केन्द्रीय बजट का हिस्सा बनी है।

मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में जलमार्गों के विकास के बारे में सर्वे करके इन सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक अथॉरिटी के गठन किए जाने की बात कही, जिससे परिवहन की लागत को कम किया जा सके तथा प्रदेश से निर्यात प्रोत्साहन के नये अभियान को आगे बढ़ाया जा सके।

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