महासभा अध्यक्ष ने, सोमवार को अफ़्रीकी विकास के मुद्दे पर एक चर्चा को सम्बोधित करते हुए, टिकाऊ विकास लक्ष्यों (SDGs) और अफ़्रीकी संघ (AU) के एक सम्बन धित ढाँचे – एजेंडा 2063 की दिशा में अफ़्रीका महाद्वीप की प्रगति की ओर ध्यान आकर्षित किया.
फ़िलेमॉन यैंग ने कहा, “शान्ति, समृद्धि और टिकाऊ विकास की दिशा में प्रगति को तेज़ करने के लिए, इससे बेहतर समय कभी नहीं रहा.”
विशेष चुनौतियाँ
महासभा अध्यक्ष फ़िलेमॉन यैंग ने हाल ही में अपनाए गए भविष्य के सहमति-पत्र की तरफ़ ध्यान आकर्षित किया जिसमें 2030 के विकास एजेंडा को लागू करने में, विशेषरूप में अति संवेदनशील देशों के सामने दरपेश विशेष चुनौतियों को पहचान दी गई है, इनमें अफ़्रीकी देश प्रमुख शामिल हैं.
उन्होंने ज़ोर दिया कि अफ़्रीका के पास अलबत्ता ऊर्जा और कृषि के विशाल संसाधन मौजूद हैं, मगर इस महाद्वीप के बहुत से देश बिजली के अभाव और खाद्य असुरक्षा से जूझ रहे हैं.
उससे भी अधिक, क़र्ज़ के भारी बोझ और अन्यायपूर्ण वैश्विक वित्तीय व्यवस्था ने अफ़्रीका के वित्तीय दबावों को बढ़ाया है, जिसके परिणामस्वरूप विकास वित्तीय खाई का आकार $1.6 ट्रिलियन तक पहुँच गया है.
महासभा अध्यक्ष ने अधिक न्यायसंगत वित्तीय प्रणाली की उपलब्धता की पुकार लगाते हुए कहा है कि मौजूदा व्यवस्था, “सहनशील और सामाजिक सेवाओं में निवेश को नज़रअन्दाज़ करके, उच्च ब्याज दरों और क़र्ज़ से मुनाफ़ा कमाने को प्राथमिकता देती है.”
अफ़्रीका को अगर टिकाऊ विकास लक्ष्य तय समय सीमा तक हासिल करने हैं तो इस महाद्वीप को हर साल $194 अरब की अतिरिक्त रक़म की ज़रूरत होगी.
वैश्विक समर्थन की पुकार
फ़िलेमॉन यैंग ने अलबत्ता स्याह आर्थिक परिदृश्य को स्वीकार किया मगर साथ ही, अफ़्रीका की सहनक्षमता की सराहना भी की क्योंकि सब-सहारा अफ़्रीका क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि वर्ष 2023 की 2,6 प्रतिशत के मुक़ाबले, वर्ष 2025 तक 3.8 प्रतिशत होने का अनुमान है.
उन्होंने वैश्विक समुदाय से अफ़्रीका की मूल संसाधन समृद्धि का पूर्ण दोहन करके, समावेशी प्रगति के लिए ठोस बुनियादें तैयार करने में मदद करने का आहवान भी किया है.
उन्होंने ज़ोर दिया है कि इस महाद्वीप की कामकाजी आबादी की बढ़ती संख्या, रूपान्तरकारी बदलावों के लिए एक ठोस स्रोत साबित हो सकती है.
शान्ति व राजनैतिक समाधान
महासभा अध्यक्ष फ़िलेमॉन यैंग ने शान्ति व टकरावों और युद्धों के राजनैतिक समाधानों की महत्ता को भी रेखांकित किया, विशेष रूप से सूडान और सोमारिया जैसे देशों में.
उन्होंने न्याय के रास्ते में आने वाली बाधाओं और असमानता को दूर करने के लिए क़ानूनी और समाजगत सुधारों का आहवान किया. साथ ही ध्यान भी दिलाया कि अफ़्रीका में शान्ति को बढ़ावा देने और क़ानून के शासन को आगे बढ़ाने के लिए एक सम्पूर्ण रणनीति की ज़रूरत है.
उन्होंने अफ़्रीका के विकास को यूएन महासभा के एजेंडा की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए ज़ोर दिया कि अफ़्रीका को अपने एक शान्तिपूर्ण और समृद्ध भविष्य की प्राप्ति के लिए, आगे बढ़ते रहना जारी रखना होगा.