Uncategorized

अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में, ‘ब्रिक्स’ समूह की अहम भूमिका – महासचिव

अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में, ‘ब्रिक्स’ समूह की अहम भूमिका – महासचिव

विश्व की पाँच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के ‘ब्रिक्स’ (BRICS) समूह में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ़्रीका हैं, जिसमें ईरान, मिस्र, इथियोपिया, और संयुक्त अरब अमीरात भी बाद में शामिल हुए हैं.

वर्ष 2009 में इस समूह की पहली आधिकारिक बैठक आयोजित की गई थी. वैश्विक आबादी का 40 फ़ीसदी से अधिक हिस्सा ब्रिक्स समूह में शामिल देशों में बसता है.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने इस समूह से एक समानतापूर्ण वैश्विक वित्तीय प्रणाली को आकार देने, जलवायु कार्रवाई को मज़बूती प्रदान करने, टैक्नॉलॉजी की सुलभता में बेहतरी लाने और शान्ति की दिशा में आगे बढ़ने का आहवान किया, विशेष रूप से ग़ाज़ा, लेबनान, यूक्रेन और सूडान के सन्दर्भ में.

महासचिव ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर समस्याओं से निपटने के लिए इस समूह के संकल्प व समर्थन की सराहना की.

“मगर, कोई एक समूह और इक़लौता देश अपने दम पर या अलग होकर काम नहीं कर सकता है. इसके लिए राष्ट्रों के समुदाय की आवश्यकता होती है, एक वैश्विक परिवार की तरह मिलकर काम करने के लिए ताकि वैश्विक चुनौतियों से निपटा जा सके.”

इन चुनौतियों में हिंसक टकराव, जलवायु परिवर्तन, बढ़ती विषमताएँ, निर्धनता व भूख के अलावा एक कर्ज़ संकट भी है, जिसकी वजह से अनेक निर्बल देशों के भविष्य पर जोखिम मंडरा रहा है.

यूएन प्रमुख ने आगाह किया कि टिकाऊ विकास के लिए 2030 एजेंडा के तहत, केवल 20 फ़ीसदी लक्ष्य ही सही मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं, डिजिटल दरार गहरा रही है और यूएन सुरक्षा परिषद व मौजूदा वित्तीय संस्थानों में विकासशील देशों को समुचित प्रतिनिधित्व हासिल नहीं है.

भविष्य के लिए सहमति-पत्र

यूएन प्रमुख ने मौजूदा हालात में बदलाव लाने की पैरवी करते हुए, हाल ही में न्यूयॉर्क में आयोजित भविष्य-सम्मेलन का उल्लेख किया, जोकि यूएन मुख्यालय में सितम्बर में हुआ था. इसके ज़रिये, बहुपक्षवाद को मज़बूती प्रदान करने, और शान्ति, टिकाऊ विकास व मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने के इरादे से एक रोडमैप प्रस्तुत किया गया.

इस बैठक के अन्त में भविष्य के लिए एक सहमति-पत्र पेश किया गया था, जिसमें टिकाऊ विकास, अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, युवजन एवं भावी पीढ़ियाँ और वैश्विक शासन व्यवस्था पर ध्यान केन्द्रित किया गया.

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि इस सम्मेलन के ज़रिये विकास व सुरक्षा के लिए एक रास्ता दर्शाया गया और अब कथनी को करनी में बदलने की आवश्यकता है. “हमारा विश्वास है कि ब्रिक्स इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.”

चार क्षेत्रों में सुधार

महासचिव ने ब्रिक्स समूह से चार क्षेत्रों में कार्रवाई की अपील की है, और पहले वित्तीय तंत्र से शुरुआत की. उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय ताने-बाने में सुधार की गति बढ़ाने होगी, चूँकि फ़िलहाल यह पुराना है, ना तो कारगर है और ना ही निष्पक्ष है.

उन्होंने टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने के उद्देश्य एक प्रोत्साहन पैकैज की योजना पर भी बल दिया, ताकि बहुपक्षीय विकास बैन्क, विकासशील देशों को कर्ज़ देने की क्षमता में वृद्धि करें.

जलवायु परिवर्तन के विषय में, उन्होंने कार्बन उत्सर्जन में कटौती लाने पर बल दिया, ताकि पेरिस समझौते के लक्ष्य के अनुरूप, वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखा जा सके.

उन्होंने कहा कि कॉप29 जलवायु सम्मेलन कुछ ही दिन दूर है, जोकि अज़रबैजान की राजधानी बाकू में हो रहा है. उन्होंने कहा कि देशों के लिए यह समय वर्ष 2035 को ध्यान में रखते हुए नई राष्ट्रीय योजनाएँ तैयार करने का है.

टैक्नॉलॉजी सुलभता, शान्ति स्थापना

साथ ही, हर देश तक टैक्नॉलॉजी से प्राप्त होने वाले लाभ पहुँचाएँ जाने होंगे, और वैश्विक डिजिटल कॉम्पैक्ट में इसी इरादे से, अन्तरराष्ट्रीय सहयोग व क्षमता निर्माण का संकल्प व्यक्त किया गया है.

यह पहली बार है जब इस कॉम्पैक्ट में कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) के लिए अन्तरराष्ट्रीय संचालन व्यवस्था पर समझौता हुआ है, ताकि हर देश को इस विषय में अपनी बात कहने का अवसर मिल सके.

उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से विश्व में शान्ति स्थापना के लिए मौजूदा व्यवस्था को मज़बूती देने का आहवान किया, जिसमें सुरक्षा परिषद को वर्तमान दौर की आवश्यकताओं के अनुरूप आकार देना भी है.

उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए सहमति-पत्र में निरस्त्रीकरण पर महत्वपूर्ण क़दम उठाए गए हैं, जिनमें परमाणु निरस्त्रीकरण पर पिछले 10 वर्षों में पहला बहुपक्षीय समझौता भी है. साथ ही, अन्तरिक्ष को हथियार के तौर पर इस्तेमाल में लाने और घातक स्वचालित हथियारों से निपटने की अहमियत भी रेखांकित की गई है.

Source link

Most Popular

To Top